Wednesday, March 3, 2010

राज्यसभा में घड़ी रे घड़ी ऐसी!




राज्यसभा में आज से पहली बार ‘इलेक्ट्रॉनिक घड़ी’ समय की खोज खबर लेगी। यह सब राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के प्रयास से संभव हो सका है। यह एक तरह से पहली बार ऊपरी सदन में इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड का उपयोग होगा। सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होने के बाद यह घड़ी सक्रिय हो जाएगी। इस इलेक्ट्रानिक बोर्ड पर चर्चा में भाग ले रहे सांसदों, के नाम और समय के ब्योरे देखे जा सकेंगे। नामांकित सदस्यों और अन्य श्रेणी के सदस्यों के विवरण भी बोर्ड पर दिखेंगे। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और सदस्यों की ओर से पेश निजी विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेने वाले सदस्यों की ओर से लिए गए समय का विवरण भी इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड पर प्रदर्शित होगा। उपराष्ट्रपति ने पिछले वर्ष शून्य काल की कार्यवाही को व्यवस्थित किया था। इसके तहत तीन मिनट का समय समाप्त होने के बाद माइक्रोफोन स्वत: बंद हो जाने की व्यवस्था की गई है।


हाथी पर काबू, कानून का सहारा
उत्तर प्रदेश सरकार ने मेरठ में बसपा सांसदों के बेटे-बेटी की शादी में हाथियों के उत्पात के बाद फैसला लिया है कि अब भीड़-भाड़ वाली जगहों पर हाथी ले जाना कानूनन जुर्म होगा। 24 फरवरी को बसपा के सांसद कादिर राणा के बेटे और वरिष्ठ बसपा नेता मुनकाद अली की बेटी की शादी के दौरान दो हाथियों ने कोहराम मचा दिया था।

थरूर से मुलाकात के बाद जनार्दन की सफाई
सउदी अरब के भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत में वार्ताकार की भूमिका निभाने की सम्भावना सम्बन्धी टिप्पणी करके एक बार फिर विवादों में घिरे विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर का बचाव करते हुए कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने आज कहा कि थरूर ने मध्यस्थता के बारे में कोई बात नहीं की थी। यह पूरी तरह गलत है। थरूर ने जो कुछ कहा उसका भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसी बात से कोई लेना-देना नहीं है। प्रधानमंत्री ने जो बात स्पष्ट की और थरूर ने जो कुछ कहा उसमें विवाद की कोई जगह नहीं है। यह बयान जारी होने से पहले द्विवेदी ने थरूर से एक घंटे वार्ता की।

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