(सांसदजी डॉट कॉम sansadji.com से साभार)
आखिर जिसका अंदेशा था वही हुआ, आज लोकसभा और राज्यसभा में इस कदर हंगामा बरपा कि लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। मंहगाई को लेकर विपक्ष तथा सरकार को बाहर से समर्थन दे रही पार्टियों ने आज लोकसभा में भारी हंगामा किया, प्रश्नकाल ठप हो गया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राजग, वामदलों, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और बहुजन समाज पार्टी के सदस्यों ने बजट में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी को लेकर जबर्दस्त विरोध करना शुरू कर दिया। सांसदों ने खडे होकर एक साथ बोलना शुरू कर दिया जिससे सदन में भारी शोरगुल शुरू हो गया। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से बार-बार अपील की कि वह प्रश्नकाल के बाद यह मसला उठाने की अनुमति देंगी, लेकिन सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। इस पर उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। राज्यसभा की भी कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा का कहना है कि जब तक सरकार पेट्रोल और डीजल के बढ़े दाम वापस नहीं ले लेती वह संसद की कार्यवाही नहीं चलने देंगे। भाजपा और वामदलों ने आज सुबह अलग अल्रग बैठक कर अपनी रणनीति तय की। महंगाई के मुद्दे पर सपा, राजद और वामदल भी भाजपा के साथ हैं। प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसद तेल की कीमतों को लेकर सरकार के बयान की मांग कर रहे थे। पूरे बवाल की शुरुआत 26 फरवरी को बजट के आने के बाद से हुई है। तेल की कीमतों में इजाफे के बाद से ही पूरा विपक्ष एकजुट है और सरकार को घेरने का कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहता है। एनडीए ने अपने विरोधी वाम सांसदों को भी अपने साथ ले लिया है। सबका मकसद एक ही है कि पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दाम वापस लिए जाएं। इस दौरान सदन में सदन सीधे-सीधे पक्ष-विपक्ष दो पालों में बंटा नजर आया। कांग्रेसी सांसद पूरी तरह एकजुट दिखे, साथ ही तृणमूल कांग्रेस, करुणानिधि समर्थक सांसद तटस्थ से रहे।
Wednesday, March 3, 2010
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