Friday, February 26, 2010

दादा के आम बजट में महामहंगाई का ऐलान




(sansadji.com सासंदजी डॉट कॉम से साभार)

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज देश का आम बजट लोकसभा में प्रस्तुत किया।मोटा-मोटी बजट का निष्कर्ष ये रहा.......... पेट्रोल-डीजल 1 रुपये मंहगा होगा।सीमेंट भी मंहगा। लोकसभा से विपक्ष ने का वॉकआउट। नरेगा के लिए 40 हजार करोड़। बुंदेलखंड के लिए 1200 करोड़। होम लोन पर सब्सिडी जारी। 10 लाख के कर्ज पर छूट बढ़ी। 2011 से नई खाद्य सब्सिडी नीति। विनिवेश का पैसा सोशल सेक्टर में। गंगा सफाई केलिए 500 करोड़ रुपये। गोवा जयंती के लिए 200 करोड़। स्कूली शिक्षा के लिए फंड बढ़ा। शिक्षा अनुदान में 2000 करोड़ की बढ़ोतरी की गई है। स्कीली शिक्षा के लिए 31 लाख 36 हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे। स्वास्थ्य पर 22 हजार 300 करोड़ खर्च किए जाएंगे। स्वास्थ्य के लिए देश भर में सर्वेक्षण होगा। खाद्य सुरक्षा के बिल लाये जायेगा।हर जिले में स्वास्थ्य सर्वे। सौर ऊर्जा के लिए 1000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। किसानों को 5 फीसदी दर परकर्ज। ग्रामीण विकास के लिए सहायता बढ़ी। ग्रामीण विकास के लिए 66 हजार करोड़। भारत निर्माण योजना केलिए 48 हजार करोड़। सामाजिक सुरक्षा निधि फंड का गठन। नरेगा मजदूरों को बीमा। पेंशन फंड में सरकारीपैसा। क्लीन एनर्जी के लिए अलग फंड। अगले साल से सरल फार्म-2 दो पन्नों का होगा सरल फार्म-2 टैक्सस्लैब में बदलाव। 1.60 लाख तक कोई टैक्स नहीं। 1.60 लाख से 5 लाख तक 10 फीसदी टैक्स। 5 से 8 लाख तकप्रतिशत टैक्स। 8 लाख से ऊपर 30 फीसदी टैक्स। ऑडिट प्रूव सीमा- प्रोफेशनलस के लिए सीमा 10लाख सेबढ़ाकर 15लाख की गई। बिजनैस मैन के लिए 40 लाख से बढ़ाकर 60 लाख। एक्साइड ड्यूटी 10 फीसदी हुई। बड़ीकारें मंहगी हुई। सिगरेट और सिगार मंहगा हुआ। देश में बने मोबाइल फोन सस्ते। सोना-चांदी महंगा। 10 ग्रामसोना 100 रुपये महंगा। चांदी प्रति किलो 500 रुपये महंगा। सर्विस टैक्स में बदलाव नहीं। 10 फीसदी पर ही बनारहेगा सर्विस टैक्स। वाटर फिल्टर सस्ते होंगे। वित्त मंत्री ने 2010-2011 का आम बजट पेश करते हुए कहा किमंदी के असर से देश काफी हद तक उबर गया है, लेकिन अभी भी देश इससे जूझ रहा है। नरेगा की तर्ज पर खाद्यसुरक्षा विधेयक जल्द पेश किया जाएगा। मंदी से देश के विकास पर असर पड़ा है। विकास दर को बढ़ाना हमारीपहली प्राथमिकता है। देश की अर्थव्यवस्था अभी बेहतर है, लेकिन इस पर सूखे का काफी असर है। 9 फीसदीविकास दर हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकारी योजनाओं को लागू करना बड़ी चुनौती है। लोगों को खाद्यसुरक्षा देने बहुत जरूरी है। पिछले साल देश के सामने जो चुनौतिया थी वो अभी भी सामने है। उद्योगों को जो राहतपैकेज दिए गए थे उन पर फिर से विचार किए जाने की जरूरत है। राहत पैकेज धीरे धीरे हटाए जाएंगे। रिकवरी कादायरा बढ़ाना जरूरी है। उंची जीडीपी ग्रोथ हासिल करना पहली चुनौती है। जीडीपी 10 फीसदी तर ले जाने कीजरूरत है। राजस्व घाटा हर हाल में कम करना होगा। सरकार कर्ज घटना की पूरी कोशिश करेगी। प्रशासनिककमजोरियों को दूर करना होगा। वित्तीय प्रणाली को सुधारेंगे। जीएसटी एक अप्रेल 2011 से लागू करने पर विचारकिया जाएगा। खाद्य सब्सिडी में बदलवा से फायदा होगा सरकार कर्ज घटाने की पूरी कोशिश करेगी। किसानों तकसीधे सब्सिडी का फायदा होगा। पूर्वी राज्यों में कृषि को बढ़ावा दिया जाएगा। हरित क्रांति का दायरा बढ़ाया जाएगा।किसानों के लिए 3 लाख किसानों को ब्याजा चुकाने की मियाद बढ़ी। कर्ज चुकाने की मियाद 6 माह बढ़ी। महंगाईरोकने के लिए राज्यों से बातचीत होगी। 13वें वित्त आयोग ने कई सुझाव दिए हैं। किसानों के लिए 3 लाख 75 हजारकरोड़ रूपए की मदद दी जाएगी। किसानों को पचास हजार करोड़ का अतिरिक्त कर्ज दिया गया है। किसानों को 5 फीसदी पर कर्ज मिलेगा। 20 किमी नेशनल हाईवे हर दिन बनाएंगे। रेलवे के लिए 16 हजार 772 करोड़। पिछलेसाल के
20 मुकाबले 950 करोड़ ज्यादा दिया गया है। पब्लिक प्राइवेज पार्टनरशिप बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।सड़क निर्माण में 13 फीसदी फंड बढ़ा। सिंगल टैक्स सिस्टम पर काम होगा। नया डायरेक्ट टैक्स कोड 2011 सेलागू किया जाएगा। पॉवर सेक्टर के लिए 2230 से 2534 करोड़ रूपए दिए जाएंगे। मेगा पॉवर प्लांट नीति मेंसुधार किया जाएगा। कोयला खदानों की खुली बोली लगेगी।पर्यावरण बचाने के लिए 2 हजार करोड़ रूपए खर्चकिए जाएंगे। एफडीआई नीति आसान होगी। सहकारी बैंकों को 1200 करोड़ की मदद दी गई है। निर्यातकों कोरियायत की मियाद बढ़ाई गई है।

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