बजट सत्र के पहले दिन पचास मिनट तक दोनों सदनों को राष्ट्रपति का संबोधनः.......महंगाई रोकने पर जोर............खुले बाजार को 30 लाख टन गेहूं-चावल......... नक्सलियों को न्यौता भी, चेतावनी भी.......आयकर अधिनियम 1961 में बदलाव के संकेत.......2011 तक सभी नागरिकों के लिए विशिष्ट पहचान पत्र..............काले धन का पता लगाने के लिए ठोस कदम........उत्तर पूर्व रेल विकास निधी का गठन........पंचायतों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण..........2010 तक आठ फीसदी विकास दर का लक्ष्य............ मनरेगा में संशोधन............पीएम ने कहाः विपक्ष संसद चलने दे।
साभार खबर सांसदजी डॉट कॉम....sansadji.com से
आज राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधन के दौरान वामपंथी अतिवादियों की विवेकहीन हिंसा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आम आदमी सरकार के समावेशी और तीव्र विकास के केन्द्र में है, और रहेगा। आर्थिक विकास दर 2009-10 में 7.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। खाद्यान्नों और खाद्य उत्पादों की कीमतों पर दबाव है। सरकार खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने को प्रतिबद्ध है। 2010 में आठ प्रतिशत से अधिक और 2011-12 में नौ प्रतिशत से अधिक विकास दर का अनुमान है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार से आतंकवादियों की घुसपैठ बढ़ी है। भारत की सफलता की कहानी में वंचित वर्ग के लोगों को हिस्सा बनना चाहिए। सरकार संसद के मौजूदा सत्र में ही वक्फ कानून में संशोधन का प्रस्ताव लाएगी। सरकार सांप्रदायिक रोकथाम, नियंत्रण एवं पीडितों का पुनर्वास विधेयक 2005 चालू सत्र में पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध है। बच्चों को अनिवार्य एवं मुफ्त शिक्षा का अधिकार कानून 2009 की अधिसूचना जारी होना गौरतलब है, जो एक अप्रैल 2010 से प्रभावी होगी।
राष्ट्रपति ने महंगाई रोकने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि खाने-पीने की चीजों की कीमतों पर लगाम लगाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आम आदमी को महंगाई की मार से बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथामिकता होगी। लगभग 50 मिनट के अभिभाषण में प्रतिभा पाटील ने केन्द्र में सत्तारूढ कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की दशा और दिशा प्रकाश डाला। इस दौरान उन्होंने महंगाई के अलावा आतंकवाद, पडोसी देशों से रिश्ते, आंतरिक सुरक्षा, नक्सलवाद आदि पर भी चर्चा की और इस संदर्भ में सरकार की उपलब्धियों और भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी। उन्होंने ने अपने अभिभाषण में दो टूक शब्दों में कहा कि भारत पडोसी देशों से शांतिपूर्ण संबंध बनाने के लिए प्रयासरत है। पाकिस्तान से बातचीत तभी संभव है, जब वो आतंकवाद का रास्ता छोडकर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में मदद करेगा। नक्सलवाद देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए एक बडा खतरा बन गया है। नक्सलियों का पूरी ताकत के साथ सामना किया जाएगा। हालांकि, राष्ट्रपति ने नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोडकर बातचीत करने का भी न्यौता दिया। उन्होंने कहा कि यदि नक्सली बातचीत से मसले को सुलझाना चाहते हैं तो सरकार उनके वार्ता करने को तैयार है। अभिभाषण में अन्य उल्लेखनीय बातें रहीं..........2011 तक सभी नागरिकों के लिए विशिष्ट पहचान पत्र जारी होंगे। काले धन का पता लगाने के लिए ठोस कदम उठाया जाएगा। गंगा नदी को साफ करने के लिए निर्मल गंगा योजना अमल आएगी। 2020 तक गंगा नदी को पूरी तक साफ कर लिया जाएगा। रेलवे की सुरक्षा और क्षमता बढाने के साथ ही उत्तर पूर्व रेल विकास निधी का गठन किया जाएगा। गैस उत्पाद आम आदमी तक पहुंचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पंचायतों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण के लिए बिल लाया जाएगा। 18 हजार महाविद्यालयों को इंटरनेट से जोडा जाएगा। महिला सारक्षता पर हमारा विशेष जोर होगा। उच्च शिक्षा में विदेशी विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। 2012 तक हर घर में बिजली पर लक्ष्य तय किया गया है। निष्पक्ष न्याय प्रणाली तक जनता की पहुंच बनाने के प्रयास होंगे। प्रशासन आम आदमी के प्रति जवाबदेह होगा। 2010 तक आठ फीसदी विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य है। 2011-2012 में नौ फीसदी विकास दर हासिल करने का लक्ष्य है। चीनी की तस्करी रोकने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे। खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं-चावल उतारा जाएगा। चीनी के आयात को उदार बनाने की योजना है। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना) में संशोधन
किया जाएगा। चंद्रयान मिशन-2 पर काम शुरू होगा। आयकर अधिनियम 1961 में बदलाव किया जाएगा। ..........उधर, बजट सत्र में भाग लेने के लिए संसद भवन जाने से पहले संसद भवन के बाहर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विपक्ष से अपील की कि वो संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने दें और संसदीय प्रक्रिया में कोई बाधा न पहुंचाएं। सरकार विपक्ष के तमाम मुद्दों पर चर्चा को राजी है। लेकिन इसके लिए विपक्ष को भी सरकार का सहयोग करना होगा। हंगामे के बीच कोई चर्चा नहीं होती। उन्होंने कहा कि जनता और देश से जुड़े मुद्दों पर बहस के लिए संसद की कार्यवाही का चलना जरूरी है। उन्होंने ससंद बहस का एक मंच है और सरकार बहस के लिए तैयार है। हम चाहते हैं कि विपक्षी दल संसद के इस महत्वपूर्ण सत्र के सुचारू संचालन में सहयोग करें। इस सत्र में आम बजट और रेल बजट पेश किए जाने हैं। इस बीच लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने सदन की बैठक सुचारू रूप से चलाने में पूरा सहयोग करने का उन्हें आश्वासन दिया है।
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