पनवा माने पान. पान बनारसी हो तो क्या कहने. राजनीति की भाषा में पनवा को पनही (जूता) और टेलीफोनवा (फुन्न-फुन्न) से जोड़कर देखना चलन में है. चुनाव तिथि घोषित होने से पहले पनवा का दौर था. पांच साल बाद पान-पानी खा-पीकर देशभर के दुरंगे महापुरुष संसद से अपने-अपने इलाके के लिए रवाना हुए. सोमनाथ दा ने खूब किस्से-कहानी भी दुरंगों को सुनाए. (आजकल कहते फिर रहे हैं कि मैं माकपा से गया ही कब था, माने मैं माकपा में ही हूं. पंधे ने कलई छील दी, बोले-छीः ऐसे मोटे मानुस (कांग्रेसी टुकड़खोर) को पार्टी कभी नहीं कबूल करेगी, वो तो उधर ही भालो आछे, प्रतिभा जी की जगह खाली होने पर कांग्रेस उन्हें राष्ट्रपति बना देगी).
चुनाव तिथि घोषित हुई. इसी बीच बेचारे एन.गोपाल स्वामी चुपचाप वैसे ही कुर्सी से विदा हो गए, जैसे परमाणु करार के हो-हल्ले में पूर्व पीएम राजा विसनाथ बाबू चुपचाप दुनिया से चल बसे थे. चुनाव के दौरान पान की जगह पनही ने ले ली. दे दनादन पनही. पांव की पनही चिदंबरम पर पड़ी, खड़ाऊ आडवाणी पर. टकलू मत्था बाल-बाल बच गया. इस बीच दो-एक और की सेवा-खातिरदारी हुई. दुरंगे समझ गए कि लोग बौरा गए हैं, कहीं पिटाई-धुनाई न हो जाए. कहे देते हैं कि अगले चुनाव तक (या मध्यावधि चुनाव तक) इंतजार कीजिए. मतदाता की धड़क खुल चुकी है. हाथ साफ करने का समय आ रहा है. लोकतंत्र का जो मजा पनही में है, वो पान में कहां?
पान, पनही के बाद इन दिनो फोन-फुन्नी का खेल चल रहा है. फोन पर फुन्नी-फुन्नी हो रही है. फुन्न से इधर, फुन्न से उधर. कभी लालू-पासवान के कान में, कभी माया और पवार के कान में फुन्न!! कभी अमर, राजनाथ के कान में, कभी बेकाबू चंद्रबाबू, रामचंद्रबाबू के कान में, कभी सी.राव, मुटल्ली अम्मा के कान में फुन्न!! इस फुन्न-फुन्न से वोटर का माथा सुन्न हो रहा है. सोच रहा है, अभी-अभी ससुरो को दुआरे से एक-एक टुकड़ी खिलाकर खदेड़ा है. ई देखो. सगरे अभी से भांऊ-भांऊ करने लगे. उछल-उछल कर सरकार बनाने का सर्कस दिखा रहे हैं. एक मतदाता बोला- दिखा लो सर्कस. आओ मध्यावधि चुनाव में मार-मार कर टकलू हिप्पीकट बना देंगे. ....कद्रदान, अभी से गिनना शुरू कर दीजिए, टकलू कौन-कौन? पान, पनही, फुन्न-फुन्न के बाद माथा सुन्न करने का समय आ रहा है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
वाह !!! बहुत बहुत बढ़िया....आनंद आ गया....देशज शब्दों ने aahladit कर diyaa.....
बड़ा सटीक vivechan किया है आपने...
सुंदर मोनोलॉग!
Post a Comment