Tuesday, May 12, 2009

संसद..... देश का सबसे बड़ा चोर बाजार

भारतीय संसद को चोरों का बाजार कहें तो किसी को गलत नहीं लगना चाहिए. आरएसएस वाले और सत्ताजीवी भारतीय कम्युनिस्ट जिस सिद्धांत और नैतिकता की बातें करते हैं, उसमें खाटी दोगलापन के अलावा और कोई जमीनी हकीकत नहीं है. इनके टुकड़ों पर पलने वाले बुद्धिजीवी मीडिया के कोटरों में बैठकर इनके चेहरे सजाते संवारते रहते हैं.
आजकल तरह-तरह के पत्रकार भी इनके पीछे लार टपका रहे हैं. कोई संघी बनता है, कोई प्रगतिशील. वातानुकूलित गाड़ियों से निकल कर ये चैनलों के एसी रूम में बुद्धी बघारते रहते हैं. ये लंपट बुद्धीबाज ही चोर संसदमार्गियों पर बहसों का बाजार खड़ा करते रहते हैं. उनका चैनल चलता रहता है और इनका नाम खूसट चिंतकों में शुमार होता रहता है. लोकतंत्र का अजब तमाशा चल रहा है. जोकरों और लंपटों से पूरा दिल्ली ठसाठस भरा पड़ा है.
अब ये चोर-चोर मौसेरे भाई रात-दिन एक ही बात चिल्ला रहे हैं, किसकी सरकार बनेगी, कौन प्रधानमंत्री बनेगा. ताकि जिसकी सरकार बने उसके पीछे लग लिया जाए और कुछ कमाई-धमाई का पांच साल के लिए इनका भी जुगाड़ बने. इस रेस में चैनल वालों, प्रिंट मीडिया वालों, बिल्डरों, रैकेटियरों, ठेकेदारों, दलालों ने अपने-अपने घोड़े छोड़ रखे हैं. घोड़े यानी टाई वाले दलाल.
उधर, चोरों की जमात भी कुर्सीखोरी का नया खेल खेलने में मशगूल हो चुकी है. सब कह रहे हैं हमारी सरकार बनेगी या सिर्फ हमारे समर्थन से सरकार बनेगी. सरकार बनने का मतलब होगा, पांच साल के लिए लूट का रास्ता साफ. यह बात भी गले में फंसी होगी कि सरकार नहीं बनी तो जो पूंजीपतियों से करोड़ों रुपये चुनावी चंदा लेकर घमासान किया है, वह रकम कहां से लौटाएंगे. फिलहाल सर्कस चालू है. इस बार 16-17 मई का सटर्डे-संडे होगा मजेदार. दिल्ली में देश भर के भांट जुटेंगे. सत्ता का जोगीरा गाएंगे और उछल-उछल कर मीडिया वाले भी खूब मजेदार नौटकियां दिखाएं......
...इंडिया टीवी पर दिखेंगे धूर्त मुस्कान बिखेरते रजत शर्मा
.... देश भर का पकवान भकोस कर एनडीटीवी पर डकार लेते वृत्तमुखी दुआ
......स्टार न्यूज पर बेमतलब गला फाड़-फाड़ कर रेंकते चौरसिया
आदि-आदि...देखियेगा और सोचियेगा कि लाख-दो-लाख रुपयों के पैकेज के चक्कर में ये लजीज पत्रकार कैसे-कैसे शाब्दिक झूठन-जूठन व्यंजन परोसते हैं.

4 comments:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

बेपेंदी के लोटे, चिकने घडे, थाली के बैंगन ये उपमायें भी शर्मा जाती हैं इन....(क्या नाम दिया जाये ऐसे लोगों को) की हरकतों को देख कर।

रंजन said...

सही कहा दोस्त...

Randhir Singh Suman said...

poonjivaadi sansad poonjipatiyo ki hai isse koi umeed karna beimani ki baat hai .communisto ko aur samrajyvadiyo ko ek sath rakhna galat baat hai.communist bhi poonjivaadi njaam mein rehte hai vyavashtha ka ashar kahi na kahin padta hai.anya dalo se communist alag hai.

suman
loksangharsha

Udan Tashtari said...

कुछ नया सुनाओ भाई!! :)