sansadji.com
लोकसभा अध्यक्ष के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर मीरा कुमार ने आज कहा कि वह प्रश्नकाल का समय बदलने सहित सभी मुद्दों पर आम राय से चलना पसंद करेंगी ।लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष बन कर इतिहास रचने वाली मीरा कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘मेरा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि सदन में आपसी सम्मान की भावना बने ।’’ वह पिछले साल तीन जून को सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष चुनी गई थीं ।प्रश्नकाल के अक्सर हंगामे की भेंट चढ़ जाने के कारण उसके समय में परिवर्तन करने की उनकी मंशा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरे काम काज का ढंग यह है कि मैं उस समय तक कोई निर्णय लागू नहीं करती हूं, जब तक कि उस पर आम राय नहीं बन जाती ।’’ अध्यक्ष के रूप में उन्होंने एक बड़ा पर्वितन यह किया है कि अब कोई तारांकित प्रश्न सिर्फ इसलिए समाप्त नहीं हो जाता है कि उसे पूछने वाला सदस्य सदन में उपस्थित नहीं है । यह महत्वपूर्ण फैसला उन्होंने उस समय किया जब एक दिन असामान्य रूप से 17 सवालों के जवाब मंत्री इसलिए नहीं दे पाए कि प्रश्नकर्ता सदस्य सदन में उपस्थित नहीं थे ।उन्होंेने ऐतिहासिक व्यवस्था में अध्यक्ष को यह अधिकार दिया कि प्रश्नकर्ता सदस्य के सदन में मौजूद नहीं रहने पर भी वह मंत्री से उसका उत्तर देने को कह सकता है और मंत्री के उत्तर के बाद अन्य सदस्य उस पर पूरक प्रश्न कर सकते हैं ।एक साल के कार्यकाल के अनुभवों के बारे में पूछे जाने पर मीरा कुमार ने कहा, ‘‘पिछला एक साल चुनौती भरा होने के साथ ही बहुत संतोषजनक भी रहा क्योंकि सदन में सभी सदस्यों ने उनके प्रति सम्मान प्रकट किया ।’’
1 comment:
बहुत बहुत बधाई !!
Post a Comment