Friday, January 15, 2010
दो टूकः बिहार कांग्रेस का नारा...जात पर न पांत पर!
बिहार की ताजा सियासी जाति-जंग दक्षिण भारत के उसी वाकये का ध्यान दिलाती है, जिसमें एक दलित युवक को ऐसी असहनीय अमानवीय यातना से गुजरना पड़ा कि उसने आत्महत्या तक की ठान ली। ऊंची जातिवालों ने उसके मुंह में मानव मल ठूंसने के बाद बुरी तरह पीटा भी। सदायंदी नामक उस दलित युवक का गुनाह सिर्फ इतना भर था कि वह चप्पल पहन कर ऊंची जातिवालों के मोहल्ले से गुजर रहा था। उस मोहल्ले से गुजरने वाले दलित बुजर्ग आज भी इस सामंती उसूल पर सख्ती से अमल करते हैं, लेकिन युवक ने चप्पल पहन कर गुनाह कर दिया। कोई इसलिए महान हो जाता है, बच्चा ऊंची जाति के घर जन्मता है, नीची जाति के घर जन्मने वाले बच्चे का गुनाह होता है, किसी सवर्ण कुल में पैदा न होना। पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, जगजीवन राम जिन जात-पांत विरोधी मूल्यों के खिलाफ जूझते रहे, आज भारत की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के नाम के साथ जाति का उल्लेख कर बिहार कांग्रेस ने पूरी पार्टी परंपरा के मुंह पर कालिख पोत दिया है। बिहार में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 562 पदाधिकारियों की लंबी सूची में जाति का उल्लेख करने और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को विवाद में खींचने को लेकर आलोचना का सामना कर रही कांग्रेस अब इस पूरे मामले की जांच करा रही है। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी कहते हैं कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति और लोकसभा अध्यक्ष की छवि खराब करने का कोई इरादा नहीं है। यह दस्तावेज सार्वजनिक कैसे हुआ, इसकी जांच करायी जाएगी। जांच की प्रक्रिया चल रही है। इस पूरे मामले पर क्या कहती हैं सोनिया गांधी, क्या कहते हैं बिहार कांग्रेस प्रभारी जगदीश टायटलर, क्या कहती हैं मीरा कुमार...........सविस्तार पढ़िए sansadji.com...सांसदजी डॉट कॉम पर
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