Thursday, October 1, 2009
गान्हीजी की जै
'उस पर' घड़ी झुलाने वाले,
नेहरू को लटकाने वाले,
बिड़ला को चुभलाने वाले
गान्हीजी की जै!
भगत सिंह को खाने वाले,
अ-हिंसा चिल्लाने वाले,
भारत-पाक बनाने वाले
गान्हीजी की जै!
भगही में भरमाने वाले,
दूध-मलाई खाने वाले,
रघुपति-राघव गाने वाले
गान्हीजी की जै!
संसद-राज सजाने वाले,
तीनो बंदर थाने वाले,
गुजराती गुर्राने वाले
गान्हीजी की जै!
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2 comments:
अब आपके बारे मे क्या हूँ, । कुछ भी समझ नहीं आ रहा है, खैर छोड़िये फिजुल की बात। आपने क्या लिखा है,और क्या लिखना चाहा है समझना जर मुश्किल लगा। आपने जो भी लिखा वह मनो ग्रसीत होकर लिखा है। अगर आप किसी जैसा बन नहीं सकते तो कम से कम उनपर किचण पत ऊछालिए। आप गांधी जी पर ऐसे आरोप लगा रहे है जो कि बेबुनियाद और मनगढ़त लगती है,। आप ने गांधी जी को मलाई खाते देखा लेकिन उनके बलिदानो को नहीं देखा
jabardast likha hai
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