कहिए मृणाल जी!
अब क्या हैं हाल जी!!
कपटी कानाफूंसी
नटी छीना-झपटी
अब कौन बैठा बैताल
आपकी डाल जी!
शेखरःएक जीवनी
क्या पढ़ी कभी आपने?
शोभना भरतिया को
छुआ नहीं शाप ने,
पाल लिया आंभी,
जयचंद-जंजाल जी!
अब क्या हैं हाल जी!!
घुट-घुट कर कितना जिया
मीडिया का माहुर पिया
तिकड़म न जाना
फिर भी कर दिया रवाना
कई खोज रहे नौकरी को
हुए निढाल जी!
अब क्या हैं हाल जी!!
एक थीं शिवानी
गौरा पंत पहाड़ की,
जहां कभी बाढ़ नहीं आती,
सांप केंचुल छोड़ता
और देवता बन जाता है
अब तो बस लोकसभा
चैनल का आसरा बचा
देते रहिए ताल जी!
अब क्या हैं हाल जी!!
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5 comments:
कविता बहुत अच्छी है
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Carbon Nanotube As Ideal Solar Cell
आपकी अच्छी कविता का गूढ़ तो नहीं समझ सका पूर्णतया किन्तु सिवानी जी मुझे याद है बहुत ही सुन्दर कहानिया लिखती थी !
जी हाँ, स्वर्गीय शिवानी जी की पुत्री मृणाल पाण्डेय स्वयं भी अच्छी लेखिका हैं. भले ही वह शिवानी जी जितना यश न पा सकी लेकिन प्रतिभा की धनी हैं. हिन्दुस्तान समूह से इस्तीफा क्यों देना पड़ा यह तो नहीं पता लेकिन आपकी कविता कुछ इंगित तो करती ही है. अच्छी है..........
nahi ji wo to hindustaan ki chief editor bhi to hain...
waise 'gulzaar' 'nandita das' se liya gaya unka interview badhiya laga tha...
...unki maa hi nahi unke pati aur unki behn bhi badi famous hain !!
shivani mere grah nagar ki hone ki vajah se mujhe ati priya thi...
Mr. Matiyani, Sumitranandan pant, Rameshchandra Sah, Manoharshyam Joshi, Brijmohan Sah are few other !!
nice
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