Friday, February 13, 2009

बड़ी बदबू मार रही गुलाबी चड्ढी


मांस का लोथड़ा,
लोथड़े के नीचे हड्डी,
और ऊपर से गुलाबी चड्ढी.

पैसे का थैला,
थैले के भीतर मैला,
मैले से लदी साहब-सूबे की गड्डी.

जानवरों की जेल
जेल के भीतर खेल
और दोनों तरफ से कबड्डी-कबड्डी.
तब था परमाणु करार,
अब लोकसभा चुनाव की रार,
जनता के लिए वे खोदने वाले हैं गड्ढा-गड्ढी.

दादी से बड़े दादा,
दादा बड़े हरामजादा,
डाई से दादा के बाल काले और दादी बुड्ढी.

आयो रे, आयो रे,
वैलेंटाइन डे भायो रे,
मेढक कुदान पर उजड्ढा-उजड्ढी.

गडमड से गड़बड़
मचाए बड़ी हड़बड़
कविता के बहाने अकल गडमड्डी.......
और ऊपर से बस्सा रही गुलाबी चड्ढी.

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