नक्सली नेता चेरुकुरी राजकुमार उर्फ आजाद के एक मुठभेड़ में मारे जाने से जुड़े रेल मंत्री ममता बनर्जी के बयान पर गुरुवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। सदन में शून्य काल के दौरान वाम दलों के सदस्यों ने यह मसला उठाया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने इस मामले पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। येचुरी ने कहा, प्रश्न काल के दौरान प्रधानमंत्री सदन में मौजूद थे और उनसे हमने शून्य काल तक सदन में रुकने के लिए कहा था लेकिन वह चले गए। उन्हें इस समय सदन में मौजूद होना चाहिए थे। प्रधानमंत्री खुद कह चुके हैं कि नक्सली देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। अब उनके मंत्रिमंडल की एक सदस्य नक्सलियों को संरक्षण दे रही हैं। इस पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, सारी बातें मीडिया में कही जा रही हैं। जमीनी स्तर पर ऐसा कुछ नहीं है। इसलिए हम मीडिया रिपोर्टो के आधार कोई कदम नहीं उठा सकते। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्होंने ममता को टेलीविजन पर बोलते हुए देखा है। इस पर तृणमूल कांग्रेस के मुकुल रॉय और दिनेश त्रिवेदी ने आपत्ति जताई। बाद में इन दोनों से कहा गया कि वे लोकसभा के सदस्य और मंत्री भी हैं लिहाजा यहां टोकाटाकी नहीं कर सकते। आजाद के संदर्भ में दिए अपने बयान पर बुधवार को ममता ने अडिग रहने की बात कही। बीते नौ अगस्त को लालगढ़ में एक सभा में उन्होंने कहा था कि आजाद की एक सुनियोजित मुठभेड़ में हत्या की गई है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment