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उत्तर प्रदेश में यमुना एक्सप्रेस के लिए जमीन अधिग्रहण के एवज में ज्यादा मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने गुरुवार सुबह जन्तर मन्तर पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसान सुबह से ही धरनास्थल पर इकट्ठे होने लगे और दोपहर 12 बजे तक भारी संख्या में जुट चुके थे। किसानों का यह आंदोलन राजनीतिक दल राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के जुड़ जाने से और व्यापक हो गया है। किसानों की मांग है कि यमुना एक्सप्रेस वे के लिए उनकी जमीन अधिग्रहित की जा रही है लेकिन इस एवज में उन्हें समुचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। सभा को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली, रालोद के अध्यक्ष अजित सिंह, बीजू जनता दल के अर्जुन चरण सेठी, तेलुगूदेशम पार्टी के नागेश्वर राव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के एबी वर्धन, जनता दल (यू) के शरद यादव, लोकजनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान और अकाली दल के रत्न सिंह अजनाला संबोधित कर रह है। अपनी जमीन के बदले कम मुआवजे का विरोध कर रहे करीब 10 हजार किसान दिल्ली में जुटे हैं। आंदोलन को अजित सिंह का पूरा समर्थन है।
राहुल गांधी ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्होंने इस मुद्दे से पीएम मनमोहन सिंह को अवगत करा दिया है। किसानों की भूमि अधिग्रहण का यह मामला बेहद गंभीर है।
दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में किसान रैली के अलावा जगह जगह पानी भरने के चलते यातायात में बाधा पहुंची। दिल्ली यातायात पुलिस के अनुसार आईएसबीटी के निकट हनुमान सेतु को वाहन संचालन के लिए बंद कर देने के चलते वाहनों के रूख को शांतिवन-राजघाट उपमार्ग की ओर मोड़ दिया गया है। किसान रैली के चलते अजमेरी गेट, रामलीला मैदान से रणजीत सिंह फलाईओवर, बाराखंभा रोड, टॉलस्टाय रोड, केजी मार्ग, जनपथ और संसद मार्ग सहित विभिन्न रास्तों पर यातायात प्रभावित हुआ है।
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