Tuesday, November 3, 2009

हिंदी में भी होंगे वेबसाइटों के नाम


वेबसाइटों के पते जल्द ही हिंदी और हिब्रू जैसी भाषाओं में भी होंगे. ऑनलाइन डोमेन नाम तय करने वाली संस्था ने इंटरनेट साइटों के एड्रेस में ग़ैर लैटिन भाषाओं के इस्तेमाल को मंज़ूरी दे दी है.

फ़िलहाल इंटरनेट एड्रेसेज़ में "ए से ज़ेड" तक के लैटिन कैरेक्टर ही इस्तेमाल होते हैं. लेकिन अब इसमें अन्य लिपियों के कैरेक्टर भी इस्तेमाल होंगे जिसे चार दशक पहले शुरू हुए इंटरनेट की दुनिया में बड़ा बदलाव माना जा रहा है. वेब पते तय करने वाली संस्था इंटरनेट कॉर्पोरेशन फ़ॉर एसाइन नेम एंड नंबर (आईसीएएएन) ने सियोल में अपनी सालाना बैठक में ग़ैर लैटिन लिपियों के प्रयोग से जुड़े प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी.
आईसीएएएन के अध्यक्ष पीटर डेनगेट थ्रश ने कहा, "अब तक ए से ज़ेड तक के ही कैरेक्टर इस्तेमाल हो रहे हैं. लेकिन जल्द ही ऑनलाइन डोमेन नामों के लिए दूसरी भाषाओं के एक लाख कैरेक्टरों को इस्तेमाल किया जाएगा." इसके लिए फ़ास्ट ट्रैक प्रोसेस नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया गया है. यह कार्यक्रम 16 नवंबर से शुरू हो रहा है जिसके बाद वेबसाइटों के पतों में आपको हिंदी, अरबी और हिब्रू जैसी भाषाओं के अक्षर भी दिखेंगे. संस्था के सीईओ रॉड बेकस्ट्राम कहते हैं, "यह पहला क़दम है, लेकिन बहुत बड़ा क़दम है. कह सकते हैं कि इंटरनेट के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में यह ऐतिहासिक क़दम है."
विशेषज्ञों का कहना है कि आईसीएएनएन के इस फैसले से इंटरनेट का दायरा और बढ़ेगा क्योंकि यूज़र्स के लिए अपनी भाषा में वेब पते होना और सुविधाजनक होगा. उधर एक रिसर्च संस्था गार्टनर के मुख्य शोध विश्लेषक दीपतरूप चक्रवर्ती का कहना है, "इंटरनेट में हमेशा से अंग्रेजी का बोलबाला रहा है और मुझे नहीं लगता कि निकट भविष्य में कोई बड़ा बदलाव होगा. लेकिन अब इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोग भी बदल रहे हैं. ऐसे में यूज़र लैटिन भाषा को छोड़ दूसरी भाषा में भी इसका उपयोग कर सकते हैं."


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