इतने भयावह आतंकी हमले के बाद अब इला अरुण और बप्पी लहरी सरीखे लोग बताने लगे हैं कि आतंकवाद के खिलाफ हमें क्या करना चाहिए. एक के ललाट पर फूलन देवी जैसा टीका और दूसरे के गले में मूंगा-मोतियों का हार. दोनो अयोध्या के साधू-सधुआइन जैसे. खून से सनी मुंबई की सड़कों पर कैंडल जुलूस में नमूदार होते हैं दोनों. फिल्मी मेजर साब जाने कहां हैं. हजारों आतंकियों को दनादन मार गिराने वाले चैंपियन फाइटर सुनील सेट्ठी, शाहरुख खान, गोविंदा, नाना पाटेकर का भी कुछ अता-पता नहीं है. जिनका पता है, वे कैंडल जुलूसों में जोकरई कर रहे हैं.
काश इन कैंडल जुलूसों में कोई रिटायर्ड सेनाध्यक्ष या सेवानिवृत पुलिस कमिश्नर या सीमा पर दुश्मनों को मार गिराने वाला सैनिक होता. मति ऐसी मारी गई है कि अब भी ठिकाने आने का नाम नहीं ले रही. ऐसे संगीन दौर में भी खिलंदड़ी सूझ रही है. चैनल वाले तो खिलंदड़ी कर ही रहे हैं, नेता नपुंसक बयान दे ही रहे हैं, जरूरी है जनता का जागना और इन जोकरों को अपने यहां घुसपैठ न करने देना.
4 comments:
बढिया पोस्ट है।
satyavachan bhai, in vidooshakon ke karan mun krodhit bhee hota hai, dukhi bhee.jub bombay jal raha tha ,ye sare channel wale apne ghatiya tamashe me barabar jute rahe ,koi nahi bola ki aakhir desh me ho kya raha hai.samvedanheenta is se jyada kya ho sakti hai?sochna hi hoga
aapka hi
dr.bhoopendra
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नीरो की बांसुरी
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