tag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post3593140914457334699..comments2023-10-24T15:42:49.821+05:30Comments on संसदनामा: व्यंग्यम् शरणम् गच्छामि....मुंहफटhttp://www.blogger.com/profile/08368420570289784107noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post-14944831766892244412008-07-01T21:45:00.000+05:302008-07-01T21:45:00.000+05:301.............नीरज भाई धन्यवाद2..........(उड़न तश्...1.............<BR/>नीरज भाई धन्यवाद<BR/><BR/>2..........(उड़न तश्तरी)<BR/>भाई जी वर्ड वेरिफिकेशन हटा दिया है। नेक हिदायत के लिए धन्यवादमुंहफटhttps://www.blogger.com/profile/08368420570289784107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post-31051101009905677112008-07-01T20:49:00.000+05:302008-07-01T20:49:00.000+05:30अपुन को क्या!! टिपियाने आये थे..टिपिया कर जा रहे ह...अपुन को क्या!!<BR/> टिपियाने आये थे..टिपिया कर जा रहे हैं..<BR/><BR/>भाई मेरे, वर्ड वेरिफिकेशन हटा कर मॉडरेशन लगा लो. ज्यादा सुविधाजनक होगा हमारे, आपके और सबके लिए.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post-47436245592087059782008-07-01T08:22:00.000+05:302008-07-01T08:22:00.000+05:30बहुत बेहतरीन लेखन... हास्य की चाशनी में लपेट कर कर...बहुत बेहतरीन लेखन... हास्य की चाशनी में लपेट कर करेले सी सच्चाई परोसी है आपने...साधुवाद...साधुवाद.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com