tag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post4038814821396507216..comments2023-10-24T15:42:49.821+05:30Comments on संसदनामा: मुंहफटhttp://www.blogger.com/profile/08368420570289784107noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post-81406566366126148012009-02-25T19:35:00.000+05:302009-02-25T19:35:00.000+05:30सुन्दर मनमोहक कविता .बधाईसुन्दर मनमोहक कविता .बधाईसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post-73315970117676130472009-02-25T17:44:00.000+05:302009-02-25T17:44:00.000+05:30कविता जैसे कोई बेले की कली---चाँद, बादल और शामकविता जैसे कोई बेले की कली<BR/><BR/>---<BR/><A HREF="http://prajapativinay.blogspot.com" REL="nofollow">चाँद, बादल और शाम</A>Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post-37007347626585276172009-02-25T14:56:00.000+05:302009-02-25T14:56:00.000+05:30इस कविता के माध्यम से आपने शब्दों एवं भावों का उत्...इस कविता के माध्यम से आपने शब्दों एवं भावों का उत्तम सामंजस्य कायम किया है.........आभारPt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post-32074444228436794632009-02-25T14:16:00.000+05:302009-02-25T14:16:00.000+05:30वाह !! अतिसुन्दर !!भाव शब्द शिल्प सब अद्वितीय........वाह !! अतिसुन्दर !!<BR/>भाव शब्द शिल्प सब अद्वितीय........<BR/>इस सुन्दर मनमोहक कविता को पढ़वाने के लिए बहुत बहुत आभार.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post-36249748921636457722009-02-25T06:43:00.000+05:302009-02-25T06:43:00.000+05:30आपकी यह कविता मैंने आपके कविता संग्रह में पढ़ी है....आपकी यह कविता मैंने आपके कविता संग्रह में पढ़ी है.यह मुझे इस संग्रह की सबसे अच्छी रचना लगी थी, पुस्तक गुड़गांव के एक इंजीनियर से प्राप्त हुई थी, आप अपने ब्लॉग पर अपना चित्र और वास्तविक नाम भी डालिए. इससे ब्लॉगर समुदाय के बीच आपकी उपस्थिति और जीवंत हो सकेगी. आप छिपा रहे हैं तो मैं भी अपनी पहचान छिपा रहा हूं, जानिए कि मैं कौन हूं?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post-41540243291236521482009-02-25T05:45:00.000+05:302009-02-25T05:45:00.000+05:30अनगिन चित्र उकेरे तुमने परछाईं में हार जीत केबुनते...अनगिन चित्र उकेरे तुमने परछाईं में हार जीत के<BR/>बुनते-बुनते विंब हो गए इंद्रधनुष आगत अतीत के<BR/>इतना कौन निहारे पल-छिन....<BR/>कई बार पढ़ती रही. कविता के एक-एक शब्द एहसास को झकझोर देते हैं. सोचती हूं, काश आपके एहसास मेरी थाती बन जाते.सीता खानhttps://www.blogger.com/profile/11947430108519365490noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post-76476555654787284532009-02-25T05:32:00.000+05:302009-02-25T05:32:00.000+05:30मुद्दत बाद मन को छू लेने वाली ऐसी कविता पढ़ने को म...मुद्दत बाद मन को छू लेने वाली ऐसी कविता पढ़ने को मिली. इतनी अच्छी रचना के लिए आपको हृदय से बधाई. काश ऐसी कविताएं रोज पड़ने को मिलें.आवारा प्रेमीhttps://www.blogger.com/profile/01839703215914313603noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post-75561102345637314322009-02-24T21:19:00.000+05:302009-02-24T21:19:00.000+05:30लाजवाब कविता । बहुत सुन्दर शब्द चयन किया आपने । भा...लाजवाब कविता । बहुत सुन्दर शब्द चयन किया आपने । भाव बहुत ही अच्छे हैं। बधाई स्वीकर करें।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16883786301435391374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731856700529955607.post-91279452783681486332009-02-24T20:27:00.000+05:302009-02-24T20:27:00.000+05:30wah! narayan narayanwah! narayan narayanगोविंद गोयल, श्रीगंगानगर https://www.blogger.com/profile/04254827710630281167noreply@blogger.com