Tuesday, August 17, 2010

सांसदों के वेतन और भत्तों में वृद्धि नहीं होने से लालू नाराज


मंगलवार को लोकसभा में लालू यादव और समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह ने शून्यकाल में सांसदों के वेतन और भत्तों का मामला उठाया। सांसद लालू प्रसाद यादव वेतन वृद्धि नहीं होने से खासे नाराज हैं। उन्‍होंने सांसदों की तनख्‍वाह 300 फीसदी बढ़ाने वाले प्रस्‍ताव का विरोध करने वाले कैबिनेट मंत्रियों को आड़े हाथों लिया। बीजेपी के अलावा सभी दलों के सांसदों ने उनका साथ दिया। हंगामे के बाद सदन की कार्रवाई स्थगित करना पड़ी। सोमवार को इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए कैबिनेट की बैठक हुई, लेकिन सभी मंत्री इस पर सहमत नहीं हुए। इसके बाद निर्णय को फिलहाल टाल दिय़ा गया। राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जो मंत्री इसका विरोध कर रहे हैं वे करोड़पति और अरबपति हैं और आम सांसदों का दर्द नहीं समझते। कैबिनेट के जो सदस्य इस प्रस्तावित बढ़ोतरी से सहमत नहीं हैं, उनमें गृह मंत्री पी चिदंबरम और सुरक्षा मंत्री एके एंटनी, सूचना-प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी, प्रवासी मामलों के मंत्री वायलार रवि शामिल हैं, जबकि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल इसके पक्ष में हैं। जिन मंत्रियों ने प्रस्ताव का विरोध किया उनका मानना है कि वेतन बढ़ोतरी के लिए यह सही समय नहीं है। अभी सभी ओर कॉमनवेल्थ खेलों में हुए भ्रष्टाचार की चर्चा है और आम जनता तेल के दामों में बढ़ोतरी से भी खुश नहीं हैं। इसके अलावा महंगाई से भी जनता परेशान है और अभी वेतन बढ़ाने का संदेश अच्छा नहीं जाएगा। प्रस्‍तावित वेतन वृद्धि से सरकारी खजाने पर 142 करोड़ रुपए का अतिरिक्‍त बोझ पड़ेगा। सांसदों को 16,000 रुपए मूल मासिक वेतन मिलता है। इसे 50,000 रुपए करना प्रस्तावित है। सांसदों को इसके अलावा संसद के सत्र के दौरान हर दिन 1,000 रुपए का विशेष भत्ता मिलता है। इसके अलावा उन्हें 20,000 रुपए संसदीय क्षेत्र भत्ता के रूप में भी दिए जाते हैं। दिल्‍ली में निवास, हवाई व रेल यात्रा, बिजली, फोन आदि की सुविधा भी दी जाती है।वित्त मंत्री ने कहा प्रस्ताव विचाराधीनवित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने राज्यसभा में बताया कि सरकार को सांसदों का वेतन बढ़ाने संबंधी समिति की रिपोर्ट मिल गई है। इस पर विचार के बाद इसे पंद्रहवीं लोकसभा के गठन के दिन से लागू किया जाएगा।

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